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Tuesday, October 16, 2012
Saturday, October 13, 2012
Resistration on www.intraharyana.nic.in
How to get Registered on Www.intraharyana.nic.in
1 open the above mention Website
2.click on New Registration.
3 Screen will display 4 options to be filled by you
A-employee type -choose others
B-Date of Birth-click small coloured box placed after DOB blank space.
C-date of Joining -fill it in the same manner (1/1/2000)not 1-1-2000
D-Salary Account Number
E-security code -mentioned just in front of option
D-click on submit.
After this enter Email to getUr User id n password .Ur Id n password will be sent on your Number soon
How to get Registered on Www.intraharyana.nic.in
1 open the above mention Website
2.click on New Registration.
3 Screen will display 4 options to be filled by you
A-employee type -choose others
1 open the above mention Website
2.click on New Registration.
3 Screen will display 4 options to be filled by you
A-employee type -choose others
B-Date of Birth-click small coloured box placed after DOB blank space.
C-date of Joining -fill it in the same manner (1/1/2000)not 1-1-2000
D-Salary Account Number
E-security code -mentioned just in front of option
D-click on submit.
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C-date of Joining -fill it in the same manner (1/1/2000)not 1-1-2000
D-Salary Account Number
E-security code -mentioned just in front of option
D-click on submit.
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Marking ke liye on-line resistration 13 Oct. 10am se
IMPORTANT
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For best view of
application use Google chrome/Mozila Firefox browser.
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For Retired Personnel :
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1. On
the day of registration , age should not exceed 65 years .
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2.
Before
submission , scan your photograph in Jpg/jpeg format and size
should not exceed 20KB .
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3.
After successful submission of details, take print out and send to
the Board along with a copy of retirement / pension proof .
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4. Information
once furnished can be edited before sending the print out to
the Board. For editing Login with the user ID and Password. Edit the
information and re-submit.
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For In-service Personnel:
1. Select your district.
List of all schools will be displayed .
2. Select your
School and fill up the proforma.
3. Before
submission scan your photograph in Jpg/Jpeg format and size should
not exceed 20KB.
4. After Successful submission of details take print out and send to
the Board duly countersigned by Head of your School.
5. Information
once furnished can be edited before sending the print out to
the Board. For editing Login with the user ID and Password. Edit the
information and re-submit.
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Friday, October 12, 2012
Friday, October 5, 2012
JBT teachers New 3 Tier rules ka Virodh
रैशनेलाईजेशन नीति के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ
चण्डीगढ़: शिक्षा विभाग में शिक्षकों की रैशनेलाईजेशन की प्रक्रिया को
लेकर अपनाई जा रही नीति का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। विभाग द्वारा कक्षा 1
से 5 तक के शिक्षकों का इस वर्ष दूसरी बार रैशनेलाईजेशन किया जा रहा है।
विभाग की रैशनेलाईजेशन नीति को आरटीई के नियमों के विपरीत बताते हुए
प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसके विरोध में आवाज बुलंद कर दी है। संघ के
प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान ने विभाग व सरकार के रैशनेलाईजेशन की नीति की
कड़ी आलोचना करते हुए इसे नियम विरूद्ध बताया है और आशंका जताई है कि इससे
शिक्षकों के हजारों पद सरप्लस हो जाएंगे। प्रदेश महासचिव दीपक गोस्वामी ने
बताया कि विभाग ने रैशनेलाईजेशन के नाम पर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों
के हजारों पदों को सरप्लस करने की योजना पर काम शुरू किया हुआ है। विभाग
आरटीई के प्रावधानों को ठेंगा दिखाकर मनमानी करने पर आतुर है। क्योंकि न तो
विभाग पूरी तरह से 1:30 का शिक्षक-छात्र अनुपात लागू कर रहा है और न ही
150 विद्यार्थियों की संख्या पर मुख्य शिक्षक का पद स्वीकृत कर रहा है
। वहीं नर्सरी कक्षा के बच्चों को भी छात्र संख्या में शामिल नहीं किया जा रहा है।
महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि वर्ष 1994 के बाद जितने भी स्कूल बने
हैं, वे तथा राज्य के अन्य सभी कन्या प्राथमिक विद्यालय आज भी बिना मुखिया
के चल रहे हैं। विभाग की नई व्यवस्था से प्राथमिक विद्यालयों से मुख्य
शिक्षक के सभी पद समाप्त हो जाएंगे। यदि सरकार मुख्य शिक्षकों के पदों पर
कैंची चलाती है तो प्राथमिक शिक्षकों को मिलने वाली एकमात्र पदोन्नति भी
उनके लिए सपना बनकर रह जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग ने रैशनेलाईजेशन
नीति में एक से तीस छात्रों पर एक अध्यापक, 31 से 60 पर दो, 61 से 90 पर
तीन, 91 से 120 पर चार व 121 से 200 तक पांच शिक्षकों का प्रावधान कर रहा
है तथा 200 छात्रों के बाद हर 40 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध करवाने की
योजना बना रहा है। जबकि शिक्षा का अधिकार कानून में प्रत्येक 30 छात्रों पर
एक प्राथमिक शिक्षक व 150 छात्रों पर एक अतिरिक्त मुख्य शिक्षक का पद होना
अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ इस रैशनेलाईजेशन नीति
का डट कर विरोध करेगा व जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की
रूपरेखा घोषित करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से अपील की कि
इस रैशनेलाईजेशन नीति को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए।
रैशनेलाईजेशन नीति के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ
चण्डीगढ़: शिक्षा विभाग में शिक्षकों की रैशनेलाईजेशन की प्रक्रिया को लेकर अपनाई जा रही नीति का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। विभाग द्वारा कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों का इस वर्ष दूसरी बार रैशनेलाईजेशन किया जा रहा है। विभाग की रैशनेलाईजेशन नीति को आरटीई के नियमों के विपरीत बताते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसके विरोध में आवाज बुलंद कर दी है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान ने विभाग व सरकार के रैशनेलाईजेशन की नीति की कड़ी आलोचना करते हुए इसे नियम विरूद्ध बताया है और आशंका जताई है कि इससे शिक्षकों के हजारों पद सरप्लस हो जाएंगे। प्रदेश महासचिव दीपक गोस्वामी ने बताया कि विभाग ने रैशनेलाईजेशन के नाम पर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पदों को सरप्लस करने की योजना पर काम शुरू किया हुआ है। विभाग आरटीई के प्रावधानों को ठेंगा दिखाकर मनमानी करने पर आतुर है। क्योंकि न तो विभाग पूरी तरह से 1:30 का शिक्षक-छात्र अनुपात लागू कर रहा है और न ही 150 विद्यार्थियों की संख्या पर मुख्य शिक्षक का पद स्वीकृत कर रहा है
चण्डीगढ़: शिक्षा विभाग में शिक्षकों की रैशनेलाईजेशन की प्रक्रिया को लेकर अपनाई जा रही नीति का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। विभाग द्वारा कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों का इस वर्ष दूसरी बार रैशनेलाईजेशन किया जा रहा है। विभाग की रैशनेलाईजेशन नीति को आरटीई के नियमों के विपरीत बताते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसके विरोध में आवाज बुलंद कर दी है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान ने विभाग व सरकार के रैशनेलाईजेशन की नीति की कड़ी आलोचना करते हुए इसे नियम विरूद्ध बताया है और आशंका जताई है कि इससे शिक्षकों के हजारों पद सरप्लस हो जाएंगे। प्रदेश महासचिव दीपक गोस्वामी ने बताया कि विभाग ने रैशनेलाईजेशन के नाम पर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पदों को सरप्लस करने की योजना पर काम शुरू किया हुआ है। विभाग आरटीई के प्रावधानों को ठेंगा दिखाकर मनमानी करने पर आतुर है। क्योंकि न तो विभाग पूरी तरह से 1:30 का शिक्षक-छात्र अनुपात लागू कर रहा है और न ही 150 विद्यार्थियों की संख्या पर मुख्य शिक्षक का पद स्वीकृत कर रहा है
। वहीं नर्सरी कक्षा के बच्चों को भी छात्र संख्या में शामिल नहीं किया जा रहा है।
महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि वर्ष 1994 के बाद जितने भी स्कूल बने हैं, वे तथा राज्य के अन्य सभी कन्या प्राथमिक विद्यालय आज भी बिना मुखिया के चल रहे हैं। विभाग की नई व्यवस्था से प्राथमिक विद्यालयों से मुख्य शिक्षक के सभी पद समाप्त हो जाएंगे। यदि सरकार मुख्य शिक्षकों के पदों पर कैंची चलाती है तो प्राथमिक शिक्षकों को मिलने वाली एकमात्र पदोन्नति भी उनके लिए सपना बनकर रह जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग ने रैशनेलाईजेशन नीति में एक से तीस छात्रों पर एक अध्यापक, 31 से 60 पर दो, 61 से 90 पर तीन, 91 से 120 पर चार व 121 से 200 तक पांच शिक्षकों का प्रावधान कर रहा है तथा 200 छात्रों के बाद हर 40 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध करवाने की योजना बना रहा है। जबकि शिक्षा का अधिकार कानून में प्रत्येक 30 छात्रों पर एक प्राथमिक शिक्षक व 150 छात्रों पर एक अतिरिक्त मुख्य शिक्षक का पद होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ इस रैशनेलाईजेशन नीति का डट कर विरोध करेगा व जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की रूपरेखा घोषित करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से अपील की कि इस रैशनेलाईजेशन नीति को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए।
महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि वर्ष 1994 के बाद जितने भी स्कूल बने हैं, वे तथा राज्य के अन्य सभी कन्या प्राथमिक विद्यालय आज भी बिना मुखिया के चल रहे हैं। विभाग की नई व्यवस्था से प्राथमिक विद्यालयों से मुख्य शिक्षक के सभी पद समाप्त हो जाएंगे। यदि सरकार मुख्य शिक्षकों के पदों पर कैंची चलाती है तो प्राथमिक शिक्षकों को मिलने वाली एकमात्र पदोन्नति भी उनके लिए सपना बनकर रह जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग ने रैशनेलाईजेशन नीति में एक से तीस छात्रों पर एक अध्यापक, 31 से 60 पर दो, 61 से 90 पर तीन, 91 से 120 पर चार व 121 से 200 तक पांच शिक्षकों का प्रावधान कर रहा है तथा 200 छात्रों के बाद हर 40 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध करवाने की योजना बना रहा है। जबकि शिक्षा का अधिकार कानून में प्रत्येक 30 छात्रों पर एक प्राथमिक शिक्षक व 150 छात्रों पर एक अतिरिक्त मुख्य शिक्षक का पद होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ इस रैशनेलाईजेशन नीति का डट कर विरोध करेगा व जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की रूपरेखा घोषित करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से अपील की कि इस रैशनेलाईजेशन नीति को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए।
3 Tier new rules
हरियाणा शिक्षा विभाग ने दो साल तक शिक्षकों के विरोध के चलते जिस थ्री टियर व्यवस्था को ठण्डे बस्ते में डाल रखा था, अब नए सत्र से उसे मूर्त रूप देने की तैयारी कर ली गयी है। रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया के चलते अब लगभग विभाग की योजना लगभग साफ़ तौर पर देखी और समझी जा सकती है। थ्री टियर की इस नयी व्यवस्था के तहत कक्षा एक से आठ तक जेबीटी और मास्टर पढ़ाएंगे तथा कक्षा नौ से बारह तक लेक्चरर को पढ़ानी होगी। थ्री टियर व्यवस्था की नींव वैसे तो दो साल पहले ही रखी जा चुकी थी लेकिन लेक्चरर वर्ग के कड़े विरोध के कारण विभाग ने इसे अभी तक टाल रखा था। परन्तु अब जिस प्रकार से रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया पूरे जोर शोर से चल रही है, उसे देख कर अगले सत्र से थ्री टियर लागू होने की सम्भावना को नकारा नहीं जा सकता। नयी व्यवस्था के तहत प्रदेश के सभी हाई स्कूलों में हिंदी, अंग्रेजी, रसायन शास्त्र, भौतिकी, गणित, संस्कृत/ फाइन आर्ट्स लेक्चरर के छः नए पद सृजित होंगे। 40 पीरियड तक एक प्रवक्ता तथा 41 या उससे अधिक पीरियड होने पर दो प्रवक्ता के पद बनेंगे। उधर रेशनलाइजेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है।रेशनलाइजेशन के नए नियम: नए नियमों के अनुसार अब पहला सेक्शन 60 बच्चों तक का होगा, दूसरा सेक्शन 61-120 बच्चे होने पर बनाया जायेगा। तीसरा सेक्शन 121 पर, चौथा 161 पर, पांचवां सेक्शन 201 बच्चों पर और इसी प्रकार आगे प्रति 40 बच्चों पर एक सेक्शन का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार एक प्रवक्ता रोज अधिकतम 6 पीरियड और सप्ताह में 36 पीरियड पढ़ायेगा। प्रवक्ता का दूसरा पद 40 से ज्यादा पीरियड होने पर बनाया जायेगा, 80 से ज्यादा पीरियड पर तीसरा पद बनेगा।बहरहाल, कुछ भी हो, विभाग अगले सत्र से हर हाल में थ्री टियर सिस्टम लागू करने के मूड में है। हो सकता है बहुत जल्द हरियाणा के सरकारी स्कूलों में काफी कुछ बदला बदला नजर आये।
Primary Teachers ko English Training
पहले टीचरों को अंग्रेजी सिखाएंगे फिर छात्रों को
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में नई कवायद
कंचन गुप्ता, गुडग़ांव
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों की
अंग्रेजी सीखने के स्थिति को मजबूत बनाने के लिए एक नई कवायद शुरू की गई
है। इसके तहत पहले अंग्रेजी सीखने और पढ़ाने को लेकर कई बिंदुओं पर सर्वे
होगा। सर्वे के हासिल होने वाले नतीजों के आधार अंग्रेजी पढ़ाने की नए
तरीकों को अपनाया जाएगा। इसके लिए प्राइमरी के अध्यापकों को भी विशेष
प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
शिक्षा
निदेशालय के पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुडग़ांव स्थित स्टेट काउंसिल फॉर
एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) का भाषा विभाग 'लर्निंग एंड
टीचिंग ऑफ इंग्लिश' विषय पर सर्वे करेगा। इस सर्वे से जो निष्कर्ष आएगा उसी
के आधार पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले कदम में अंग्रेसी को
लेकर स्कूलों में समस्या की वजह और जड़ को समझा जाएगा। इसके बाद अगले स्तर
में अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीसरे चरण में इस कवायद के बाद
मिलने वाले नतीजों की समीक्षा होगी। आखिरी चरण में इसे पूरे प्रदेश में
लागू किया जाएगा।
एक नंवबर से शुरू होगा सर्वे: सर्वे एक नवंबर से
शुरू किया जाएगा। सर्वे में 10 जिलों को शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट का
बजट तीन लाख रुपए है। 28 फरवरी तक सर्वे के कार्य को पूरा करके रिपोर्ट
तैयार की जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर मार्च माह से शिक्षकों को
प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया को शुरू होगी।
एससीईआरटी के भाषा
विभाग के इंचार्ज सुरेंद्र सिंधु ने बताया कि सर्वे कराने का उद्देश्य
प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर छात्रों के अंग्रेजी के ज्ञान को बढ़ाना है।
सर्वे में देखा जाएगा कि सिलेबस के मुताबिक छात्रों को अंग्रेजी का कितना
ज्ञान है। उसके मुताबिक ही शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया तैयार
की जाएगी।
॥प्रदेश के प्राइमरी के छात्रों की अंग्रेजी के स्तर को
सुधारने के लिए सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के आधार पर ही शिक्षकों के
प्रशिक्षण को शुरू किया जाएगा। सर्वे का उद्देश्य खामियों को ढूंढ कर
उन्हें दूर करना व छात्रों के लर्निंग स्तर को मजबूत बनाना है।
स्नेहलता, निदेशक, एससीईआरटी, गुडग़ांव
इन जिलों में होगा सर्वे
प्रदेश के दस जिलों गुडग़ांव, मेवात, महेंद्रगढ़, सोनीपत, हिसार, रेवाड़ी,
जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल, झज्जर के सरकारी स्कूलों में किया जाएगा। इसके
लिए 9 अक्टूबर को इन जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और उप-जिला मौलिक
शिक्षा अधिकारियों की बैठक एससीईआरटी में होगी। इसमें विशेषज्ञ सर्वे की
प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे।
पहले टीचरों को अंग्रेजी सिखाएंगे फिर छात्रों को
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में नई कवायद
कंचन गुप्ता, गुडग़ांव
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों की अंग्रेजी सीखने के स्थिति को मजबूत बनाने के लिए एक नई कवायद शुरू की गई है। इसके तहत पहले अंग्रेजी सीखने और पढ़ाने को लेकर कई बिंदुओं पर सर्वे होगा। सर्वे के हासिल होने वाले नतीजों के आधार अंग्रेजी पढ़ाने की नए तरीकों को अपनाया जाएगा। इसके लिए प्राइमरी के अध्यापकों को भी विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
शिक्षा निदेशालय के पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुडग़ांव स्थित स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) का भाषा विभाग 'लर्निंग एंड टीचिंग ऑफ इंग्लिश' विषय पर सर्वे करेगा। इस सर्वे से जो निष्कर्ष आएगा उसी के आधार पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले कदम में अंग्रेसी को लेकर स्कूलों में समस्या की वजह और जड़ को समझा जाएगा। इसके बाद अगले स्तर में अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीसरे चरण में इस कवायद के बाद मिलने वाले नतीजों की समीक्षा होगी। आखिरी चरण में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
एक नंवबर से शुरू होगा सर्वे: सर्वे एक नवंबर से शुरू किया जाएगा। सर्वे में 10 जिलों को शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट का बजट तीन लाख रुपए है। 28 फरवरी तक सर्वे के कार्य को पूरा करके रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर मार्च माह से शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया को शुरू होगी।
एससीईआरटी के भाषा विभाग के इंचार्ज सुरेंद्र सिंधु ने बताया कि सर्वे कराने का उद्देश्य प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर छात्रों के अंग्रेजी के ज्ञान को बढ़ाना है। सर्वे में देखा जाएगा कि सिलेबस के मुताबिक छात्रों को अंग्रेजी का कितना ज्ञान है। उसके मुताबिक ही शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया तैयार की जाएगी।
॥प्रदेश के प्राइमरी के छात्रों की अंग्रेजी के स्तर को सुधारने के लिए सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के आधार पर ही शिक्षकों के प्रशिक्षण को शुरू किया जाएगा। सर्वे का उद्देश्य खामियों को ढूंढ कर उन्हें दूर करना व छात्रों के लर्निंग स्तर को मजबूत बनाना है।
स्नेहलता, निदेशक, एससीईआरटी, गुडग़ांव
इन जिलों में होगा सर्वे
प्रदेश के दस जिलों गुडग़ांव, मेवात, महेंद्रगढ़, सोनीपत, हिसार, रेवाड़ी, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल, झज्जर के सरकारी स्कूलों में किया जाएगा। इसके लिए 9 अक्टूबर को इन जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और उप-जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक एससीईआरटी में होगी। इसमें विशेषज्ञ सर्वे की प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे।
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में नई कवायद
कंचन गुप्ता, गुडग़ांव
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों की अंग्रेजी सीखने के स्थिति को मजबूत बनाने के लिए एक नई कवायद शुरू की गई है। इसके तहत पहले अंग्रेजी सीखने और पढ़ाने को लेकर कई बिंदुओं पर सर्वे होगा। सर्वे के हासिल होने वाले नतीजों के आधार अंग्रेजी पढ़ाने की नए तरीकों को अपनाया जाएगा। इसके लिए प्राइमरी के अध्यापकों को भी विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
शिक्षा निदेशालय के पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुडग़ांव स्थित स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) का भाषा विभाग 'लर्निंग एंड टीचिंग ऑफ इंग्लिश' विषय पर सर्वे करेगा। इस सर्वे से जो निष्कर्ष आएगा उसी के आधार पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले कदम में अंग्रेसी को लेकर स्कूलों में समस्या की वजह और जड़ को समझा जाएगा। इसके बाद अगले स्तर में अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीसरे चरण में इस कवायद के बाद मिलने वाले नतीजों की समीक्षा होगी। आखिरी चरण में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
एक नंवबर से शुरू होगा सर्वे: सर्वे एक नवंबर से शुरू किया जाएगा। सर्वे में 10 जिलों को शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट का बजट तीन लाख रुपए है। 28 फरवरी तक सर्वे के कार्य को पूरा करके रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर मार्च माह से शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया को शुरू होगी।
एससीईआरटी के भाषा विभाग के इंचार्ज सुरेंद्र सिंधु ने बताया कि सर्वे कराने का उद्देश्य प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर छात्रों के अंग्रेजी के ज्ञान को बढ़ाना है। सर्वे में देखा जाएगा कि सिलेबस के मुताबिक छात्रों को अंग्रेजी का कितना ज्ञान है। उसके मुताबिक ही शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया तैयार की जाएगी।
॥प्रदेश के प्राइमरी के छात्रों की अंग्रेजी के स्तर को सुधारने के लिए सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के आधार पर ही शिक्षकों के प्रशिक्षण को शुरू किया जाएगा। सर्वे का उद्देश्य खामियों को ढूंढ कर उन्हें दूर करना व छात्रों के लर्निंग स्तर को मजबूत बनाना है।
स्नेहलता, निदेशक, एससीईआरटी, गुडग़ांव
इन जिलों में होगा सर्वे
प्रदेश के दस जिलों गुडग़ांव, मेवात, महेंद्रगढ़, सोनीपत, हिसार, रेवाड़ी, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल, झज्जर के सरकारी स्कूलों में किया जाएगा। इसके लिए 9 अक्टूबर को इन जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और उप-जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक एससीईआरटी में होगी। इसमें विशेषज्ञ सर्वे की प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे।
Wednesday, October 3, 2012
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