उल्लेखनीय है कि केंद्र व राज्य सरकार ने 2011 के बजट में आगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में क्रमश: 1500 व 500 रुपये की वृद्धि की थी। इस कड़ी में हेल्परों को दोनों सरकारो ने 1000 रुपये का उपहार दिया था। लेकिन, किन्हीं कारणों के चलते घोषित मानदेय का लाभ तात्कालिक तौर से दोनों वर्गो को नहीं मिल पाया
यही कारण है कि करीब एक वर्ष से आगनबाड़ी कार्यकर्ता व हेल्पर आशा भरी उम्मीदें विभाग से लगाए थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व गीता भुक्कल इस प्रयास में थे कि शीघ्रता से कर्मियों को मानदेय मिले। इस पहलू को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल कल्याण विभाग के वित्त आयुक्त एवं मुख्य सचिव ने विभाग के निदेशक को मेमो नंबर 245-एसडीब्लयू (1)/2011 के तहत पत्र जारी किया।
उधर, केंद्र सरकार द्वारा की गई 1500 रुपये की वृद्धि शुरू हुई। सरकार की तत्परता की ही परिणाम रहा कि विभागीय अमले ने पिछले एक वर्ष के बकाया राशि पहले नवरात्रे को कर्मियों के खाते में जमा करवा दिया। इस संबंध में 20 मार्च को दैनिक जागरण के कैथल संस्करण में समाचार शीर्षक नवरात्रों में घर आएगी लक्ष्मी प्रकाशित हुआ था।
आभार जताया: नवरात्रे पर एक वर्ष का बकाया वेतन मिलने पर जिले भर की आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व हेल्परों ने प्रदेश की महिला एवंबाल कल्याण मंत्री गीता भुक्कल का आभार व्यक्त किया है। उन्होनेइस उपहार के लिए भुक्कल को थैंक्यू भी बोला।
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