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Friday, October 5, 2012

JBT teachers New 3 Tier rules ka Virodh

रैशनेलाईजेशन नीति के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ

चण्डीगढ़: शिक्षा विभाग में शिक्षकों की रैशनेलाईजेशन की प्रक्रिया को लेकर अपनाई जा रही नीति का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। विभाग द्वारा कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों का इस वर्ष दूसरी बार रैशनेलाईजेशन किया जा रहा है। विभाग की रैशनेलाईजेशन नीति को आरटीई के नियमों के विपरीत बताते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसके विरोध में आवाज बुलंद कर दी है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान ने विभाग व सरकार के रैशनेलाईजेशन की नीति की कड़ी आलोचना करते हुए इसे नियम विरूद्ध बताया है और आशंका जताई है कि इससे शिक्षकों के हजारों पद सरप्लस हो जाएंगे। प्रदेश महासचिव दीपक गोस्वामी ने बताया कि विभाग ने रैशनेलाईजेशन के नाम पर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पदों को सरप्लस करने की योजना पर काम शुरू किया हुआ है। विभाग आरटीई के प्रावधानों को ठेंगा दिखाकर मनमानी करने पर आतुर है। क्योंकि न तो विभाग पूरी तरह से 1:30 का शिक्षक-छात्र अनुपात लागू कर रहा है और न ही 150 विद्यार्थियों की संख्या पर मुख्य शिक्षक का पद स्वीकृत कर रहा है
। वहीं नर्सरी कक्षा के बच्चों को भी छात्र संख्या में शामिल नहीं किया जा रहा है।
महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि वर्ष 1994 के बाद जितने भी स्कूल बने हैं, वे तथा राज्य के अन्य सभी कन्या प्राथमिक विद्यालय आज भी बिना मुखिया के चल रहे हैं। विभाग की नई व्यवस्था से प्राथमिक विद्यालयों से मुख्य शिक्षक के सभी पद समाप्त हो जाएंगे। यदि सरकार मुख्य शिक्षकों के पदों पर कैंची चलाती है तो प्राथमिक शिक्षकों को मिलने वाली एकमात्र पदोन्नति भी उनके लिए सपना बनकर रह जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग ने रैशनेलाईजेशन नीति में एक से तीस छात्रों पर एक अध्यापक, 31 से 60 पर दो, 61 से 90 पर तीन, 91 से 120 पर चार व 121 से 200 तक पांच शिक्षकों का प्रावधान कर रहा है तथा 200 छात्रों के बाद हर 40 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध करवाने की योजना बना रहा है। जबकि शिक्षा का अधिकार कानून में प्रत्येक 30 छात्रों पर एक प्राथमिक शिक्षक व 150 छात्रों पर एक अतिरिक्त मुख्य शिक्षक का पद होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ इस रैशनेलाईजेशन नीति का डट कर विरोध करेगा व जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की रूपरेखा घोषित करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से अपील की कि इस रैशनेलाईजेशन नीति को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए।

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