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Sunday, May 15, 2011

छुट्टियों का भी वेतन मिले कांट्रैक्ट टीचर को हाईकोर्ट ने लागू किया सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। कालेजों या स्कूलों में कांट्रैक्ट पर रखे टीचरों के लिए यह खबर खुशखबरी वाली है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि कांट्रैक्ट पर रखे टीचर को सेशन के बीच या गर्मियों की छु्ट्टी के दौरान भी वेतन और अन्य लाभ मिलते रहेंगे।
कालेजों में खाली पदों पर कांट्रैक्ट के आधार पर टीचर रखे जाते हैं और सेशन की समाप्ति पर हटा देते हैं और सेशन शुरू होने पर फिर से रख लेते हैं। इस तरह करीब चार महीने तक उन्हें वेतन से वंचित कर दिया जाता है। पंजाब के कालेजों से ऐसे कई टीचरों ने वकील एचसी अरोड़ा के माध्यम से हाईकोर्ट में गत मार्च में याचिका दायर कर दी। इसमें दलील दी गई कि यह प्रैक्टिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा रतनलाल बनाम हरियाणा सरकार के फैसले में दिए फैसले के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने न केवल इस प्रैक्टिस को गलत करार दिया था, बल्कि हरियाणा सरकार को निर्देश दिए कि दो सेशन के बीच एडहॉक टीचरों को वेतन दिया जाए। अगर कोई महिला टीचर प्रसूति पर जाती है तो उसे भी पूरा लाभ दिया जाए। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रमोद कोहली ने गत मार्च में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे।

दो सेशन के बीच हटाने को लेकर दायर की गई थी याचिका
प्रिंसिपल ने टीचर को कोर्ट में सौंपा वेतन
नाभा स्थित सरकारी रिपुदमन कालेज में सेल्फ फाइनेंस कोर्स के तहत कांट्रैक्ट पर लगी कंप्यूटर साइंस की लेक्चरर कनुप्रिया को कालेज के प्रिंसिपल ने 31 मार्च को हटा दिया। प्रिया ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई और प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर दिया। शुक्रवार 13 मई को सुनवाई हुई तो प्रिंसिपल ने न केवल कनुप्रिया को अप्रैल महीने के वेतन का चेक दे दिया, बल्कि अदालत को विश्वास दिलाया कि कनुप्रिया हाजिरी रजिस्टर पर हाजिरी लगाती रहेगी। अगली सुनवाई अब 16 अगस्त को होगी।

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