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Thursday, April 19, 2012

बेरोजगारी भत्ता लेने वालों पर शिकंजा कस।

अपात्र होते हुए भी बेरोजगारी भत्ता लेने वालों पर अब शिकंजा कसने वाला है। रोजगार विभाग डोर टू डोर जाकर सच्चाई जानेगा और अपात्रों को चिह्नित कर कार्रवाई व रिकवरी करेगा। विभाग का अनुमान है कि 25-30 प्रतिशत अपात्रों की जेब में बेरोजगारी भत्ता जा रहा है। यह संख्या और भी बढ़ सकती है। फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए रोजगार निदेशालय ने प्रांत के तमाम जिला रोजगार अधिकारियों को पत्र भेजकर डोर टू डोर पड़ताल (सर्वे) करने के निर्देश दिए हैं। पत्र में सभी लाभार्थियों के रिकार्ड व जरूरी कागजात की जांच पड़ताल 30 जून तक करने को कहा गया है। इसके अलावा हर माह जिला रोजगार अधिकारी को रिकार्ड की जांच करने तथा अपात्र प्रार्थी पर उचित कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए हैं। जिला रोजगार अधिकारी को इसकी रिपोर्ट प्रत्येक माह निदेशालय को भेजनी होगी ताकि कामकाज पर पूरी तरह निगरानी रखी जा सके। जिले में 2839 पंजीकृत बेरोजगार हैं, जिन्हें हर माह रोजगार विभाग से बेरोजगारी भत्ता प्राप्त होता है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि 25 से लेकर 50 फीसद बेरोजगारी भत्ता लेने वाले अभ्यर्थी फर्जी सर्टिफिकेट व कागजात के माध्यम से विभाग को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा महिला अभ्यर्थी हैं। उल्लेखनीय है कि मैट्रिक पास पात्र अभ्यर्थियों को हर माह 100 रुपये, इंटर पास कला व वाणिज्य के छात्रों को 500, विज्ञान के छात्रों को 750 व महिलाओं को 900 तथा बीए के कला व वाणिज्य के प्रार्थियों को 750, विज्ञान के एक हजार व महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है।

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